कम आमदनी में emergency fund कैसे बनाएं?
लेखक: मुकेश कालो | www.kalowrites.inश्रेणी: पर्सनल फाइनेंस | समय: 6 मिनट पढ़ने का - emergency fund in hindi
- Emergency Fund in Hindi
- कम आमदनी में सेविंग
- पर्सनल फाइनेंस टिप्स
- कम सैलरी में बचत
प्रस्तावना
मिडिल क्लास परिवारों की सबसे बड़ी चिंता होती है - आमदनी कम और ज़रूरतें ज़्यादा।ऐसे में अगर अचानक कोई medical emergency, नौकरी छूटना या कोई घरेलू बड़ा खर्च आ जाए तो पूरा बजट बिगड़ जाता है।
इसीलिए emergency fund होना आज के समय में बहुत ज़रूरी है – खासकर उनके लिए जिनकी कमाई सीमित होती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कम इनकम में भी एक मजबूत इमरजेंसी फंड कैसे बनाया जा सकता है वो भी बिना किसी बड़ी कुर्बानी के।
emergency fund क्या होता है?
Emergency Fund असल में वो जमा पूंजी होती है जो हम जिंदगी के अनचाहे मोड़ों के लिए पहले से संभाल कर रखते हैं। जैसे अचानक कोई बीमारी आ जाए, नौकरी चली जाए या घर में कोई ज़रूरी सामान खराब हो जाए – तो हम परेशान न हों। ये फंड उस वक़्त हमारा काम आता है जब आमदनी रुक जाती है लेकिन खर्चे थमते नहीं। इसलिए इसे ज़िंदगी की "सुरक्षा की पहली परत" भी कहा जा सकता है।उदाहरण के लिए:
- अचानक बीमारी या एक्सीडेंट होना।
- नौकरी का छूट जाना और बे रोजगार हो जाना ।
- घर के जरूरी सामान की खराबी जैसे (फ्रिज, मोटर, पंखा इत्यादी )
- बच्चों की पढ़ाई और मेडिकल खर्च जो कभी भी आसकता है ।
इमरजेंसी कितना फंड होना चाहिए?
एक आसान सा फार्मूला है:
👉 कम से कम 3 से 6 महीने के घरेलू खर्च के बराबर फंड तैयार रहेना चाहिए।
उदाहरण:
मेरे घर का हर महीने का खर्च लगभग ₹12,000 है तो मेरा टार्गेट होना चाहिए:₹36,000 से लेके ₹72,000 तक का इमरजेंसी फंड।
कम इनकम में इमरजेंसी फंड कैसे बचाएं?
अब बात करते हैं असल रणनीति की – कमाई कम हो, फिर भी इमरजेंसी फंड कैसे बनाया जाए?
1. सबसे पहेले छोटी-छोटी बचत से शुरुआत करें।बचत की शुरुआत हमेशा बड़ी रकम से नहीं होती है । आपको एक झटके में ₹50,000 इकट्ठा करने की कोई ज़रूरत नहीं है। असली कमाल तो छोटी-छोटी रकम से होता है। रोज़ ₹10 या महीने के ₹300 से भी आप अपने भविष्य की बुनियाद रख सकते हैं। जितना हो सके उतना बचाइए शुरुआत छोटी हो सकती है लेकिन समय के साथ यही छोटी बचत बड़ा सहारा बन जाती है।
उदाहरण:
मेरा एक दिन का कमाई लगभग 800 रुपये है में इनमे से रोज़ का 50 रुपये काट के महीने के अंत में 1200 से लेके 1500 तक बचा लेता हूँ ।1 साल में लगभग ₹14000 से 16000।
2. हर महीने FIX अमाउंट अलग रखे।
जैसे ही सैलरी मिलती है पहले बचत करें और उसके बाद फिर खर्च करे।₹200, ₹500 या ₹1000, जो भी संभव हो सकता है पहले ही अलग कर लें।
इस पैसे को किसी अलग खाते में या पिग्गी बैंक में रख सकते है।
इस पैसे को किसी अलग खाते में या पिग्गी बैंक में रख सकते है।
याद रखें: पैसा जितना दिखेगा उतना खर्च भी होगा। तो पहेले save करे ।
3. अपने खर्च पर कंट्रोल करें ताकि बचत हो सके ।
जब कम आमदनी हो तो सबसे समझदारी भरा कदम होता है – फालतू के खर्चों पर रोक लगाना। बाहर बार-बार खाना खाना, महंगे कपड़े खरीदना या हर प्लेटफॉर्म की सब्सक्रिप्शन लेना – ये सब छोटी-छोटी चीज़ें मिलकर जेब खाली कर देती हैं। अगर हम ज़रूरत और चाहत के बीच फर्क समझ लें, तो बचत अपने आप होने लगती है। याद रखिए कमाने से ज़्यादा जरूरी है सही तरीके से खर्च करना।कैसे करें?
- बाहर का खाना कम करें ।
- EMI और लोन से दूरी बनाएं रखे ।
- हर महीने का बजट बनाएं और उस पर टिके रहें।
- "ज़रूरत" और "चाहत" के बिच में फर्क समझें।
4. एक्स्ट्रा इनकम या बोनस को सेव करें
कभी-कभी आपको बोनस, गिफ्ट या एक्स्ट्रा इनकम मिलती है – उसे पैसे को खर्च करने की बजाय सेव करें।उदाहरण:
सुरेश को कंपनी से ₹3000 दिवाली बोनस मिला। उसने उस पैसे को खर्च न करके पुरे पैसे को इमरजेंसी फंड में डाल दिया।5. घर के सभी लोग योगदान दें।
बचत करना सिर्फ कमाने वाले की जिम्मेदारी नहींहोती है :गृहिणी सब्जी या राशन में से ₹5-₹10 रोज़ बचा सकती हैं
स्टूडेंट्स पॉकेट मनी में से ₹50-₹100 अलग रख सकते हैं
अगर परिवार में 4 सदस्य रोज ₹10 भी बचाएं – तो महीने के अंत में ₹1200 जुड़ता है।
इस बात को ध्यान में रखे ....
आजकल कई सारे ऐसे apps हैं जो खुद-ब-खुद पैसे सेव करते हैं:
6. डिजिटल सेविंग टूल्स का इस्तेमाल करें ।
आजकल कई सारे ऐसे apps हैं जो खुद-ब-खुद पैसे सेव करते हैं:
- PhonePe या Paytm का ऑटो सेव फीचर
- Gold Saving स्कीम (₹1 से भी निवेश संभव)
- बैंक की छोटी RD स्कीम (बार-बार जमा होने वाली योजना)
धीरे-धीरे आपका छोटा फंड एक दिन बहत बड़ा बन जाएगा।
7. जरुरत पर खर्चा करें, दिखावे पर नहीं ।
नया फोन, नया टीवी या महंगे कपड़े – इन्हें टालें हो सके तो कोई passive income बनाएइन पैसों से गोल्ड RD या PPF जैसे सेविंग ऑप्शन चुनें।
थोड़ी समझदारी से आप भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं
सच्ची मिसालें जो प्रेरणा दें: जिनको में जानता हूँ ।
अनिल एक (मोबाइल रिपेयर टेक्नीशियन) था
हर दिन वो ₹30 रुपये बचाता था। 18 महीने में उसने ₹16,000 रुपये जमा किया।जब बाइक खराब हुई तो बिना किसी कर्ज के ठीक कराई।
👩🍳 माया (गृहिणी)
हर हफ्ते ₹50रुपये राशन में से बचाकर एक डिब्बे में रखती थीं।3 साल में उसके पास ₹7,800 इकट्ठा हुए। जो की बेटे की दवाई के वक्त बेहद काम आए।
किन बातों का ध्यान रखें?
✅ emergency fund को तभी इस्तेमाल करें जब ज़रूरत हो
✅ इस पैसे को शॉपिंग या घूमने में खर्चा कभी न करे✅ एक अलग अकाउंट या जगह रखें ताकि खर्च की आदत से बच सकें
✅ इसे धीरे-धीरे बढ़ाते रहें ताकि आपकी काम आये
निष्कर्ष
कमाई चाहे जितनी भी कम हो बचत की आदत बनाना ज़रूरी है।emergency fund आपको मानसिक शांति, आत्मनिर्भरता और बिना कर्ज के जीवन जीने का हौसला देता है।
"हर दिन की एक छोटी सी बचत ही बड़े संकट में बड़ा सहारा बनती है।"
आज से ही एक छोटी सी बचत का शुरुआत करें। कल आप खुद को जरुर धन्यवाद कहेंगे। ये हमारा वादा है आपसे ।
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🙋♀️ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – Emergency Fund in Hindi | FAQ for kalowrites.in
1. इमरजेंसी फंड बनाने का सबसे सही तरीका क्या है?
सबसे बेहतर तरीका है हर महीने की आमदनी में से एक तय रकम अलग करना और उसे एक अलग खाते या सेविंग ऐप में जमा करना। शुरुआत में ₹300–₹500 से भी शुरुआत की जा सकती है।
2. क्या इमरजेंसी फंड को FD में डाल सकते हैं?
छोटी अवधि की FD या ऑटो-स्वीप FD अच्छे विकल्प हैं, लेकिन ध्यान रखें कि पैसा तुरंत निकाला जा सके। लंबी अवधि की FD इससे अलग होती है।
3. अगर मेरी सैलरी ₹10,000 है तो कितना इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए?
यदि आपकी सैलरी ₹10,000 है और मासिक खर्च ₹7,000 है, तो कम से कम ₹21,000–₹42,000 तक का इमरजेंसी फंड बनाएं ताकि 3–6 महीने तक की जरूरतें पूरी हो सकें।
4. क्या पिग्गी बैंक में इमरजेंसी फंड रखना सुरक्षित है?
घर में पिग्गी बैंक शुरुआती बचत के लिए सही तरीका है। लेकिन जब रकम ज्यादा हो जाए, तो बैंक अकाउंट या डिजिटल सेविंग टूल्स में ट्रांसफर करना ज़रूरी हो जाता है।
5. क्या छात्र (Student) भी इमरजेंसी फंड बना सकते हैं?
बिलकुल! पॉकेट मनी से ₹50–₹100 हफ्ते में अलग रखकर छात्र भी अपने लिए छोटा लेकिन असरदार फंड बना सकते हैं।
6. इमरजेंसी फंड को खर्च कब करना चाहिए?
केवल सच्चे आपातकाल में, जैसे:
- अचानक मेडिकल इमरजेंसी
- नौकरी चली जाना
- जरूरी सामान की खराबी जिसे तुरंत ठीक करना हो
7. क्या डिजिटल ऐप्स भरोसेमंद हैं?
हाँ। कई सेविंग ऐप्स पूरी तरह सुरक्षित हैं और बैंकिंग सिस्टम से जुड़े होते हैं:
- PhonePe की Gold Saving
- Paytm ऑटो सेव
- ET Money या Groww लिक्विड फंड्स
8. इमरजेंसी फंड और निवेश में क्या फर्क है?
इमरजेंसी फंड एक लिक्विड सेविंग है जिसे तुरंत निकाला जा सकता है। निवेश (जैसे SIP, शेयर, PPF) लंबी अवधि की योजना होती है जिसका उद्देश्य रिटर्न बढ़ाना होता है।
9. क्या ₹10 रोज बचाने से भी कुछ फर्क पड़ेगा?
बिलकुल! ₹10 रोज बचाने पर:
- महीने में ₹300
- साल में ₹3600+
- 3 साल में ₹10,800+
छोटी राशि से शुरुआत ही बड़ी सुरक्षा देती है।
10. क्या गृहिणी भी परिवार के इमरजेंसी फंड में योगदान कर सकती हैं?
हाँ। सब्ज़ी या राशन से ₹5–₹10 रोज बचाकर घर की महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

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